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H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | ’आजादी का अमृत महोत्सव’के तहत विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन
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’आजादी का अमृत महोत्सव’के तहत विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन

Nov 30 2022

’आजादी का अमृत महोत्सव’के तहत विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन

ऋषिकेश, 30 नवम्बर। ‘आजादी का अमृत महोत्सव-एक प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 गौरवशाली वर्षों को मनाने के लिए एक सतत उत्सव का आयोजन कन्वेंशन हाॅल, अशोका होटल, नई दिल्ली में भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और पूज्य संतों ने सहभाग किया।

यह उत्सव उन्हें समर्पित है जो देश के विकास और विकासवादी यात्रा में सहायक रहे हैं। ज्ञात हो कि आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में संस्कृति मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक गौरव के विषय पर अभियान चला रहा है।

सांस्कृतिक गौरव के विषय पर मंथन हेतु आज इस आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संसदीय मामलों के माननीय संस्कृति, पर्यटन राज्य मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी जी की अध्यक्षता में माननीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी और विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी और अनेक आध्यात्मिक संगठनों के शीर्ष नेताओं के सान्निध्य में आयोजित की गयी हैं।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ये हमारी संस्कृति की यात्रा है, यह हमारी दिव्यता और भव्यता की यात्रा है; ये विकास की यात्रा है; ये हमारी विरासत की यात्रा है; सतत साधना की यात्रा है; हमारे संकल्प की यात्रा है। अब हमें संस्कृति के साथ-साथ प्रकृति को भी जोड़ना होगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत ने इन 75 वर्षों में चाँद पर तिरंगा लहराया है। 75 सालों में हम कहाँ से कहां पहुँचे है और अनेक उपलब्धियों को हासिल किया है। इन 75 वर्षों में भारत द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों की हम खुशियाँ मना रहे हैं, जो कुछ प्राप्त करना बाकी है उन अवसरों के लिये हम सभी को मिलकर केवल एक कदम बढ़ाना है। हम सभी मिलकर कदम बढ़ायेंगे तो इससे भी बड़ी जीत और उपलब्धियाँ जो हमारा इंतजार कर रही हैं उन्हें भी प्राप्त किया जा सकता है।

स्वामी ईश्वरानंद जी, परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज, डा चिन्मय पंड्या जी, उपाध्यक्ष माता अमृतानंदमयी मठ, स्वामी अमृतस्वरूपानंद पुरी जी, अध्यक्ष श्री रामकृष्ण मठ त्रिशूर एर्नाकुलम, केरल, स्वामी सदभावानंद जी, सीईओ श्री साईं बाबा मंदिर, शिरडी, श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट, श्रीमती भाग्यश्री बनायत जी, श्री ऋंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट, ऋंबकेश्वर मंदिर, नासिक, श्री समीर वैद्य जी, अध्यक्ष इस्कॉन मंदिर, जुहू, मुंबई श्री सुंदर गोपाल दास जी, अध्यक्ष शनि शिंगणापुर मंदिर, श्रीमती अनीता शेटे जी, मिशन सेंट्रल चिन्मय मिशन ट्रस्ट मुंबई, महाराष्ट्र के प्रमुख स्वामी स्वरूपानंद जी, अध्यक्ष श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट, श्री आदेश बांदेकर जी, वीर सावरकर, सुश्री, प्रभा देवी जी, श्री स्वामीनारायण मंदिर, श्री महंत इवामी महाराज जी, बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था नई दिल्ली, प्रो चांसलर आर.के.जी, विवेकानंद मठ, हावड़ा पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय, बेलूर, स्वामी आत्माप्रियानंद, गजपति महाराज जी, दिव्यसिंह देब जी, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन, जीव मैत्रीधाम कृष्णगंज, श्री पावापुरी तीर्थ जी, मांझी परमानंद योग पीठ पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल, श्री शशांक शेखर जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों और पूज्य संतों ने सहभाग किया।

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