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H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | गंगा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता हेतु स्वर्गाश्रम क्षेत्र में निकाली रैली
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गंगा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता हेतु स्वर्गाश्रम क्षेत्र में निकाली रैली

Sep 28 2022

गंगा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता हेतु स्वर्गाश्रम क्षेत्र में निकाली रैली

गंगा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता हेतु स्वर्गाश्रम क्षेत्र में निकाली रैली

भारत की अमूर्त और अजेय विरासतों व धरोहरों को संरक्षित रखना नितांत आवश्यक

शहीद सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर भावभीनी श्रद्धाजंलि

बहादुरी और साहस के प्रतीक शहीद भगत सिंह जी

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 28 सितम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और श्री अजय भाई जी के पावन सान्निध्य में आज गंगा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता हेतु स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रैली निकाली गयी। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और राष्ट्रीय बाल युवा संस्कार योजना के अन्र्तगत आने वाले विद्यालयों के बच्चों ने नारों और स्वच्छता गीतों के साथ स्वर्गाश्रम क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शहीद सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुये कहा कि देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शहीद सरदार भगत सिंह जी एक विलक्षण क्रांतिकारी थे। उनका मानना था कि इंकलाब सिर्फ बंदूक और गोलियों से नहीं आता बल्कि श्रेष्ठ विचारों की तेज धार से भी आता है। क्रांति की मशाल जलाने वाले शहीद सरदार भगत ंिसंह जी के जन्मदिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी।

स्वामी जी ने गंगा स्वच्छता रैली में सहभाग हेतु आये बच्चों को सम्बोधित करते हुये कहा कि माँ गंगा भारत की राष्ट्रीय नदी है। गंगा जी का भारत के लिये सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक महत्व है, वह न केवल हमारा भरण-पोषण करती आ रही हैं बल्कि उनके तटों पर हमारी संस्कृति और सभ्यता का उद्भव भी हुआ हैं। गंगा का कल-कल निनाद करता जल न केवल मनुष्य बल्कि धरती की प्यास भी बुझाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने गंगा के तटों पर बैठकर अनेकों वर्षों तक तपस्या की।

स्वामी जी ने कहा कि गंगा निःस्वार्थ भाव से बिना भेद-भाव किये अपना सर्वस्व न्योछावर करती है बदले में हम गंगा जी ने प्लास्टिक कचरा, गंदे नाले और गंदगी डाल रहे हैं। हमें गंगाजल रूपी ईश्वर के इस दिव्य और अनमोल खजाने को सहेजने के लिये जागरूक होना होगा और गंगा के महत्ता को स्वीकार करना होगा।

श्री अजय भाई जी ने कहा कि हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ विष्णु पुराण में उल्लेखित है कि गंगा की उत्पत्ति भगवान विष्णु के बाएँ पैर के अँगूठे से हुई है और वर्तमान समय में भी गंगा जी भारत की सबसे पवित्र नदियों में एक है एवं गंगा जी के जल में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। हम गंगा जी में अपने पापों के धोने के साथ ही उन्हें स्वच्छ और निर्मल रखने का संकल्प भी लेना होगा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने परमार्थ गंगा तट पर उपस्थित सभी को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया। इस अवसर पर श्री संजय राणा जी, श्री राकेश शर्मा जी, श्री वेद टण्डन जी एवं कई विद्यालयों के प्राचार्य और विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

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