
Pujya Swamiji and Pujya Sadhviji Speak to Doctors at Medanta in Delhi
Padmashri Dr. Naresh Trehan, renowned heart surgeon and the Chairman and Managing Director of Medanta-The Medicity, invited HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji and Pujya Sadhviji Bhagawatiji to give a special spiritual session for the doctors.
Pujya Swamiji beautifully shared about stress and stress management, and how important it is for these divine healers to take care of their own bodies and their own lives so that they can continue to heal others.
Then, Pujya Sadhviji shared beautiful spiritual inspiration around managing stress and staying grounded and centered, and emphasized the role of the mind in healing and how the doctors have such an important role to play to not only heal peoples’ bodies but their minds, as well. “Doctors, through their beautiful touch – not just their medicines and their surgery but their touch – help to bring the peace and joy and love and reduction of stress that leads to greater healing of the body and the mind.”
During the visit, Pujya Swamiji inspired Dr Trehan to organize a medical camp in Uttarakhand and praised him for his excellent work, saying that “this heart surgeon’s heart beats for everyone.”
Dr. Trehanji graciously, enthusiastically and readily agreed: “In collaboration with Parmarth Niketan, we are ready to provide services through medical camps in Uttarakhand, especially in the hilly areas, so that the people living in the hills can get better medical facilities.
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मेदान्ता द मेडिसिटी में आयोजित तनाव प्रबंधन कार्यशाला को सम्बोधित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा जीवन को तनाव से ताजगी ओर मोड़ना होगा। जिसमें आप व्यस्त तो रहे परन्तु मस्त भी रह सके। कोविड-19 के समय हम सभी ने देखा कि चिकित्सकों और फ्रंटलाइन वर्कस ने जिस सेवाभाव व समर्पण से कार्य किया वह वास्तव में अद्भुत था।
हृदय शल्यचिकित्सक डा नरेश त्रेहन ने कहा कि परमार्थ निकेेतन के साथ मिलकर उत्तराखंड़ में विशेष कर पहाड़ी क्षेत्रों में हम चिकित्सा शिविरों के माध्यम से सेवा देने हेतु तैयार है ताकि पहाड़ पर रहने वालों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें प्राप्त हो सके।
ज्ञात हो कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जहां भी जाते हैं चाहे वह भारत का कोई भी प्रांत हो या फिर विदेश की यात्रा पर हो, वे उत्तराखंड व यहां के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये नई तकनीक, स्वास्थ्य सुविधायें, सभी को स्वच्छ जल मिले इस हेतु जल संरक्षण प्रणालियाँ आदि अनेक नूतन प्रोजेक्ट लाने हेतु सदैव प्रयासरत रहते हैं। इस परिपेक्ष्य में उन्होंने डा नरेश त्रेहन से चर्चा की और उत्तराखंड में चिकित्सा शिविर लगाने हेतु उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने डा नरेश त्रेहन की उनके श्रेष्ठ कार्यो के लिये प्रशन्सा करते हुये कहा कि इस हार्ट सर्जन के पास एक ऐसा हार्ट है जो सभी के लिये धड़कता है। यह सर्जन अब उत्तराखंड़ में एक नये सृजन की ओर बढ़ रहा हैं।
स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड़ वासियों के लिये मेदान्ता बहुत दूर पड़ता है, उनका मेदान्ता पहुंचना तो सम्भव नहीं हो सकता क्योंकि वे पहाड़ों पर निवास करते है परन्तु मेदान्ता को पहाड़ों पर सेवा हेतु लाया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि हमारे चिकित्सक रात-दिन अपने सेवा कार्यों में लगे रहते है, ऐसे मे वे कई बार अपनी नींद भी पूरी नही ंकर पाते इसलिये थकान व तनाव में रहते है। कई बार जिन स्थितियों को आप नियंत्रित नहीं कर सकते, उनके बारे में भी तनाव होता है जिसके परिणाम दीर्घकालिक भी हो सकते हैं। स्वामी जी ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन के माध्यम से तनाव प्रबंधन कर स्व के साथ दूसरों का भी कल्याण किया जा सकता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने डा नरेश त्रेहन को रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भंेट कर संदेश दिया कि हास्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद या सफल आपरेशन के पश्चात रोगी के परिवार जनों को कम से कम एक पौधा रोपित करने हेतु प्रेरित किया जाये तो विलक्षण परिवर्तन देखने को मिलेगा।