
Pujya Swamiji Graces Smriti Mahotsav 2023 at Swami Narayan Gurukul, Ahmedabad
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने स्वामी नारायण गुरूकुल, अहमदाबाद में आयोजित स्मृति महोत्सव-2023 में सहभाग कर उद्बोधन दिया। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी का लिखित संदेश प्रसारित किया गया।
स्मृति महोत्सव में पधारे सभी संतों और विशिष्ट अतिथियों का अभिन्नदन करते हुये स्वामी माधवप्रिय दास स्वामी जी ने आपसी सद्भाव के साथ मिलकर रहने का संदेश देते हुये कहा कि हम सभी भारतमाता की संतानें है और हम सभी मिलकर रहें; एक होकर रहें और नेक होकर रहें। भारत के पास दृढ़ नेत््त्व वाली सरकार और पवित्र शक्ति प्रदान करने वाले पूज्य संत हैं। वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति का सूर्य 16 कलाओं में भारत में प्रकाशित हो रहा है। भारत अपनी वास्तविक शक्ति के साथ उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
गृहमंत्री, भारत श्री अमित शाह जी ने कहा कि यहां आना मेरे अपने घर आने के उत्साह की अनुभति कराता है। यहां से हमने सदाचार व देशभक्ति का पाठ पढ़ा है। पार्टी के सिद्धान्त, कार्य संस्कृति के अभ्यास वर्ग यही से होते थे, गूरूकुल ने व्यक्ति निर्माण की परम्परा, भारतीय संस्कृति, सनातन संस्कृति व राष्ट्रभक्ति के संस्कार हमें प्रदान किये हैं। हरि की उपासना, व्यसन मुक्ति जीवन, गौ सेवा व खेती, संस्कृति, शास्त्र, संगीत, खेल, सम्पूर्ण शास्त्रों का वांग्मय यहां पर बना हुआ है। कोरोना के समय में पूरे भारत ने श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आशा का अनुभव किया। सभी को कोरोना का टीका लगाना और मोबाइल पर सर्टिफिकेट्स भेजना दुनिया के शायद किसी देश ने किया होगा परन्तु भारत ने कर दिखाया।
नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में इस देश के स्व व आत्मा को जागृत करने का कार्य हुआ है।। मेडिकल की पढ़ाई हमारे यहां 18 भाषओं में होगी क्योंकि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है।
वर्षों से हमारे संतों ने तपस्या की और प्रार्थना की, भारत का स्व जागृत हो, नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी और अब 22 जनवरी को रामलला की अपने घर में स्थापना होगी। यह भारत का स्वर्णिम काल है। हमारे योग, आयुर्वेद को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। श्री राम मन्दिर का निर्माण व रामलला की अपने घर में स्थापना एक शुभ संकेत है। अनेक कवियों ने गाया कि भारत सोने की चिड़िया था हम 2027 तक दुनिया के तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बना सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुये कहा कि इस शिक्षा को प्राप्त कर हमारे बच्चों का जीवन भारत के लिये समर्पित होगा। वर्तमान समय में हमारे पास बेलेंस सुरक्षा नीति है।
स्वामी नारायण सम्प्रदाय पूरे देश में संस्कारों की नदी प्रवाहित कर रहा है। गुलामी के कालखंड में भक्ति के माध्यम से अनेकों लोगों को जोड़े रखा है। सभी के दिलों में भक्ति व राष्ट्रभक्ति का दीप प्रज्वलित किया। दूर-दराज के लोगों को शिक्षा व सनातन से जोड़ने का अद्भुत कार्य किया। अध्यात्म, राष्ट्रभक्ति और शिक्षा का अद्भुत समन्वय यहां पर है। यहां पर संस्कार, सदाचार, नीति, संस्कृत की शिक्षा व दर्शन की शिक्षा प्रदान की जा रही है जिसे मैने स्वयं भी देखा है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस धरती ने महात्मा गांधी जी के रूप में पूरे विश्व को विलक्षण व्यक्तित्व प्रदान किये हैं। वर्तमान समय में महात्मा मोदी जी के रूप में एक अद्भुत व्यक्तित्व इस देश का नेतृत्व कर रहा है। गुजरात की धरती एक ऐसी धरती है जिसने समाज को बहुत कुछ दिया है। इस धरती ने स्वामी नारायण गुरूकुल सम्प्रदाय के प्यारे-प्यारे संत प्रदान किये है। हम सभी बहुत सौभाग्यशाली है कि हमारे पास में श्री माधवप्रिय दास स्वामी जी जैसे पूज्य स्वामी जी है जिन्होंने पूरे समाज को एक नवीन संदेश प्रदान किये हैं।
स्वामी जी ने कहा कि बागों में बहार आती है जब बसंत आता है लेकिन धरती पर बहार आती है जब पुराणी स्वामी जी जैसा कोई संत आता है। कहा जाता है हिमालय में शान्ति है परन्तु जहां शान्ति है वहीं पर हिमालय है। इस स्वामी नारायण परिवार में भवनों की विशालता ही नहीं है परन्तु भावनाओं की विशालता है। यहां पर शिक्षा भी है, चिकित्सा भी है और संस्कृति भी है।
आचार्य मÛमÛ स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि गुजरात की पुण्य धरा में अनेक कीर्तिमान स्थापित हुये हैं। आज पूरे विश्व में संस्कार व संस्कृति आगे बढ़ रही है, चारों ओर शान्ति, समृद्धि व आत्मविश्वास की अलख है उसे भारतीय संस्कृति आगे बढ़ रही है। विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में एक शोध हुआ है कि कौन सी संस्कृति सबसे तीव्र रूप से आगे बढ़ रही है वह है भारतीय संस्कृति। वर्तमान समय में माननीय मोदी जी के नेतृत्व में पूरे देश में एक अभयता आयी है। आर्थिक समृद्धि और भारतीय संस्कृति के प्रसार में केन्द्र की भूमिका अभुतपूर्व है। भारत को लेकर कोई द्वंद नहीं है हमारी सीमायें सुरक्षित है ये सब गुजारत के दो लाल श्री नरेन्द्र मोदी जी और श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में ही सम्भव हो सकता है।
भिक्खु संघसेना जी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति अध्यात्म की शक्ति है, जिसकी आज पूरे विश्व को जरूरत है। भारत की परम्परा व भारतीय संस्कृति पूज्य संतों की कृपा से ही प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के साथ आने से भारत की शक्ति और बढ़ जायेगी। वर्तमान समय में पूरी दुनिया भारत और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर देख रही है। पूज्य संतों के नेतृत्व में भारत पूरी दुनिया को मैत्री, करूणा, दया व वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश प्रदान कर रहा है।
योगेन्द्र उपाध्याय जी ने कहा कि स्मृति महोत्सव पूर्वजों के तर्पण का दिव्य महोत्सव है जिस दिव्य अवसर पर हम उनके द्वारा किये गये कार्यों का स्मरण करते हैं। उन्होंने कहा कि संत, शक्ति भारतीय संस्कृति के प्राण हैं और स्वामी नारायण गुरूकुल संस्थान के माध्यम से सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुये शिक्षा व चिकित्सा के दिव्य कार्य सम्पादित हो रहे हैं जो कि मानव जीवन की पहली आवश्यकतायें हैं। पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलता रहे तो भारत को माननीय मोदी जी जैसे नेता मिलते रहेंगे।
स्वामी नारायण गुरूकुल ने इस अवसर पर शहीदों के परिवार जनों का सम्मान किया तथा माननीय श्री अमित शाह जी और सभी विशिष्ट अतिथियों को कलश वितरित किये गये।