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H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | Pujya Swamiji Chief Guest at 37th Convocation of Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur
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Pujya Swamiji Chief Guest at 37th Convocation of Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur

Mar 22 2023

Pujya Swamiji Chief Guest at 37th Convocation of Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur

ऋषिकेश, 22 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के 37 वें दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर विद्यार्थियों को दिया संदेश ‘‘मेडल के साथ रोल माॅडल भी बने’’।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज शक्ति का दिन है, शक्ति का अभिनन्दन करने और पीड़ा को प्रेरणा बनाने का अवसर है। यह एक ऐतिहासिक विश्वविद्यालय है आप यहां से मेडल लेकर जायें और अपने राष्ट्र के माॅडल बने।

स्वामी जी ने ‘‘इन्डिया केन डू इट, इन्डिया मस्ट डू इट’’ का संदेश विद्यार्थियों को देते हुये कहा कि आपने शिक्षा के लिये प्रवेश लिया और अब सेवा के लिये प्रस्थान करें। हम नववर्ष के अवसर पर नये जीवन की ओर प्रवेश कर रहे हैं। आप स्वयं अपने आप में प्रेरणा है।

आप सभी ने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा और अब दूसरों को भी इस हेतु प्रेरित करें। जीवन केवल मेडल एकत्र करने के लिये नहीं है बल्कि जीवन को माॅडल बनाना है। आज यहां से मेडल से माडल बनने की यात्रा शुरू हो। मेडल दीवारों पर लगे रहेंगे लेकिन अगर हम माॅडल बनेगे तो लोगों के दिलों में छा जायेंगे। लोगों के दिलों को छू लेना आसमान छू लेने से भी बेहतर है।

स्वामी जी ने कहा कि विद्यार्थी अच्छी शिक्षा लें, उनमें संस्कार आयें लेकिन शिक्षक भी गुणवत्तावान हो, उनके जीवन में भी सुधार आये क्योंकि जैसे शिक्षक होंगे वैसी हमारी शिक्षा होगी और वैसे ही हमारे शिक्षार्थी होंगे, ये त्रिवेणी हैं इस त्रिवेणी को बनाये रखना होगा ताकि पूरा समाज सिंचित हो सके।

आप सभी विद्यार्थी नयी मर्यादाओं, नयी दिशाओं, उत्कृष्ट संस्कारों से समाज को सिंचित करें। अपनी माँ, मातृशक्ति और मातृभूमि ये तीनों के प्रति हमेंशा जागरूक रहे, उनका सम्मान करें।

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में लीडर को लेडर बनने की जरूरत है। जिस धरती के शासक मन से संत नहीं होते हैं उस धरती की पीड़ाओं के अंत नहीं होते इसलिये हमें ऐसा शासक चाहिये जो उपासक हो और साधक हो । आज के दिन इस सृष्टि का प्रारम्भ हुआ था इसलिये आज के दिन आप सभी के जीवन में भी एक सृष्टि का भी उदय हो जो कि हम समाज में एक नयी क्रान्ति लेकर जाये।

यह समय विरासत और विकास का है, सांइस के साथ स्पिरिचुआलिटी का है, इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ इन्ट्रास्ट्रक्चर भी हो। आप सभी का जीवन अर्थ से जुड़े साथ ही अध्यात्म से भी जुड़े, जीवन में अर्थ और अध्यात्म का समन्वय बना रहे। स्वामी जी ने कहा कि जो इन्सान अपने लिये जीवन जीता है वह कोई बेहतर जीवन नहीं जीता है, जो समाज के लिये जीता है वही वास्तव में जीवन है। स्वामी जी ने वतन को चमन बनाने, वतन में अमन लाने का संदेश दिया।

इस अवसर पर कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित सेवा उद्यान का लोकार्पण किया। साथ ही कानपुर नगर निगम के सहयोग से विकसित अमृत सरोवर का लोकार्पण, पे्रक्षागार का नामकरण एवं नवीनीकरण का लोकार्पण, 21 योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास, हाइ रिलीफ म्यूरल का लोकार्पण, कम्प्यूटर लैब का उद्घाटन किया। साथ ही सावित्री बाई फुले फेलोशिप प्राप्तकर्ता दो छात्राओं का सम्मान किया तथा प्रथम बार सफलतापूर्वक स्टार्टअप आरम्भ करने वाले दो छात्रों को भी सम्मानित किया गया।

माननीय कुलपति जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को तुलसी का दिव्य पौधा भेंट किया।

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