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H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | Pujya Swamiji Gives Message on Menstrual Hygiene Management at Divine Shri Ram Katha
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Pujya Swamiji Gives Message on Menstrual Hygiene Management at Divine Shri Ram Katha

May 27 2023

Pujya Swamiji Gives Message on Menstrual Hygiene Management at Divine Shri Ram Katha

परमार्थ निकेतन में आयोजित मासिक श्रीराम कथा के दिव्य मंच से हजारों-हजारों साधकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि माहवारी के प्रति चुप्पी तोड़े और बेटियों को सही जानकारी प्रदान करें।

कल 28 मई को पूरा विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाता है। जिसका तात्पर्य है कि हम माहवारी के प्रति अपने आप से, अपने परिवार और अपने पड़ोसियों से बात करें ताकि समाज में फैली माहवारी संबंधी वर्जनाओं और अवधारणाओं को दूर किया जा सके। साथ ही किशोरियों तथा महिलाओं को इससे संबंधित सही और सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके क्योंकि वर्तमान समय में भी कई स्थानों पर माहवारी के दौरान लड़कियों और महिलाओं के अपने ही परिवार से अलग-थलग कर दिया जाता है और अनेक स्थानों पर उनका जाना वर्जित कर दिया जाता है।

प्रतिवर्ष माहवारी स्वच्छता दिवस 28 मई को मनाया जाता है, इस दिन को चुनने के पीछे भी यह वजह है कि अधिकतर लड़कियों और महिलाओं के पीरियड्स साइकिल (माहवारी चक्र) 28 दिनों के होते हैं और आमतौर पर माहवारी के 5 दिन होते हैं ताकि पांचवा महीना और 28 तारीख हमें याद दिलाती रहे कि हमें अपनी चुप्पी तोड़ना है और खुलकर बोलना है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वास्तव में माहवारी केवल महिलाओं का ही विषय नहीं है बल्कि इससे परिवार के साथ, समाज और राष्ट्र का स्वास्थ्य भी जुड़ा हुआ है। देखा जाये तो यह विषय देश की आधी आबादी से जुड़ा हुआ है और यह इसलिये भी जरूरी है ताकि यह हमारी बेटियों के जीवन का फुलस्टाप न बन जाये अतः यह केवल चिंतन का नहीं बल्कि एक्शन का विषय भी है।

भारत के माननीय ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सदैव ही महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश देते हैं ताकि देश की आधी आबादी को उचित सम्मान और समानता का व्यवहार प्राप्त हो सके।

महिलाओं एवं किशोरियों को माहवारी के दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई क्षेत्रों में माहवारी से सम्बंधित समस्याओं पर अभी भी खुलकर बात नहीं होती है। माहवारी को लेकर समाज में जो चुप्पी है उसके लिये शिक्षा एवं जागरूकता दोनों स्तरों पर व्यापक कार्य करने की जरूरत है। सभी को समझाना होगा कि मासिक धर्म, महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित एक प्रमुख विषय है क्योंकि वे अपने जीवन के तीन हजार से अधिक दिन माहवारी (पीरियड्) में गुजारती हंै इसलिये उन तीन हजार दिनों का अर्थात् उसके जीवन के सात से आठ वर्षो का प्रबंधन ठीक से किया जाना नितांत आवश्यक है। परिवार के सदस्यों के साथ, घर एवं स्कूल में भी इस पर खुलकर बातचीत होनी चाहिए, जिससे माहवारी को लेकर जो झिझक है वह दूर हो सके और इसके लिये रूढिवादी सोच और वर्जनाओं से ऊपर उठना होगा। मासिक धर्म को और सहज़ और सुरक्षित बनाने के लिये प्रोग्राम फोर ए एक्सेप्टेबिलिटी, अवेलेबिलिटी, अफॉर्डेबिलिटी, एक्सेसिबिलिटी पर कार्य करना होगा। उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी राज्य की नारी शक्ति और अपनी राज्य की बेटियों के लिये अद्भुत कार्य कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाने का उद्देश्य है मासिक धर्म (पीरियड्स) से जुड़ी गलत अवधारणाओं को समाप्त किया जा सके। इसके लिये मई महीने की 28 तारीख इसलिए चुनी गयी, क्योंकि अक्सर महिलाओं में मासिक घर्म का चक्र 28 दिन का होता है और 5 दिनों तक चलता है इसलिये साल के पांचवे महिने मई के 28 वें दिन मनाया इसे जाता है।

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