
Pujya Swamiji Graces National Climate Conference 2023
Pujya Swamiji joined online to address the National Climate Conclave 2023 in Lucknow, Uttar Pradesh, from the 10-11th April. Inaugurated by the Hon’ble Chief Minister of UP Mahant Shri Yogi Adityanathji and Hon’ble Union Minister of Environment and Forest Shri Bhupendra Yadavji on Stakeholders Role in Climate Action yesterday during an inspiring panel.
राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन 2023 National Climate Conclave 2023
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन 2023 में वर्चुअल रूप से किया सहभाग
वैश्विक स्तर के पर्यावरणविद् और विख्यात प्रतिनिधियों ने मिलकर बेहतर कल के लिए किया नीतियों का आदान-प्रदान
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रह पर रहने वाले सभी को मिलकर काम करना होगा
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने लीनियर इकोनाॅमी से सर्कुलर इकोनाॅमी की ओर बढ़ने का दिया संदेश
ऋषिकेश, 11 अप्रैल। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज वर्चुअल रूप से लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन 2023 में सहभाग कर संदेश दिया कि ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रह पर रहने वाले सभी को मिलकर सतत और सुरक्षित विकास हेतु कार्य करना होगा।
राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन 2023 का आयोजन माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा और कर्मयोगी मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी के पुरूषार्थ से माननीय पर्यावरण और वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी, श्री देवेश चतुर्वेदी जी, श्री मनोज सिंह जी, कीर्तिमान अवस्थी जी, श्री उमाशंकर पांडे जी और सभी प्रतिनिधियों का स्वामी जी ने अभिनन्दन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस समय हम देख रहे हैं और अनुभव भी कर रहे हैं कि मानसून, गर्मी और सर्दी सभी मौसमों का समय बदल रहा हंै। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। वायु प्रदूषण के कारण अनेक गंभीर बीमारियों के होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अगर इसी प्रकार वायु प्रदूषण बढ़ता रहा तो बोतलबंद पानी की तर्ज पर बोतलबंद हवा भी साथ लेकर चलना होगा।
इस समय प्रदूषण के कारण वातावरण में ऑक्सीजन की कमी हो रही है जिससे जीवन प्रत्याशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिससे औसत आयु भी कम हो रही है। वायु प्रदूषण के कारण कृषि तथा जलवायु पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
स्वामी जी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पर्यावरण में जीने का अधिकार है परन्तु उसी पर्यावरण को स्वच्छ रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। हमें ऐसे कार्यों को बढ़ावा देना होगा जो हमारी भावी पीढ़ियों की अपनी जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किये बिना वर्तमान समय की आवश्यकताएँ पूरी करे। सबके लिये समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और रहने योग्य विश्व का निर्माण करने के लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में सुरक्षित, लचीला और टिकाऊ विकास के लिये समाज, सरकार और संस्थाओं की बराबर जिम्मेदारी है। हमें प्राकृतिक संसाधनों की खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना होगा।
दुनिया की आबादी बढ़ रही है और इससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। वर्ष 2050 तक पर्याप्त भोजन, पानी और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये हमें लीनियर इकॉनामी से सर्कुलर इकॉनामी की तरफ बढ़ना होगा।
दुनिया में संसाधन सीमित हैं। सर्कुलर इकॉनामी संसाधनों के उपयोग में मदद करेगी। हमें इस बात पर चिंतन करना होगा कि हम पर्यावरण से क्या ले रहे हैं और उसमें क्या योगदान दे रहे हैं। हमें यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अपशिष्ट में बदलने से पहले सामग्री का पुनर्नवीनीकरण या पुनः उपयोग किया जाये ताकि ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।
लाइफस्टाइल फाॅर द एनवायरमेंट अर्थात जो ग्रह के अनुरूप हो, जिससे ग्रह को नुकसान न पहुंचे, माननीय प्रधानमंत्री जी ने व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने हेतु ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (पी 3) का मंत्र दिया। पी 3, पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता है जिसे आत्मसात कर पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आत्मकेंद्रित कर स्वच्छ, स्वस्थ, समृद्ध और सुरक्षित भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वामी जी वस्तुओं के रिड्यूज़ रीयूज, रिसाइकल का संकल्प कराया।