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H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | Pujya Swamiji Meets with Chief Minister of Uttar Pradesh Mahant Yogi Adityanath
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Pujya Swamiji Meets with Chief Minister of Uttar Pradesh Mahant Yogi Adityanath

Mar 24 2023

Pujya Swamiji Meets with Chief Minister of Uttar Pradesh Mahant Yogi Adityanath

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ जी की हुई भेंटवार्ता

माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश महंत योगी आदित्यनाथ जी को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश आने का दिया आमंत्रण

पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, संस्कृति और प्रकृति का रक्षण, भारतीय संस्कृति और संस्कारों का युवा पीढ़ी में संवर्द्धन हेतु हुई चर्चा

पौराणिक और आध्यात्मिक तीर्थ नैमिषारण्य, गढ़मुक्तेश्वर और अयोध्या में रूद्राक्ष वन स्थापना हेतु विचार विमर्श

#ऋषिकेश, 23 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ जी की भेंटवार्ता हुई। स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तरप्रदेश के पौराणिक और आध्यात्मिक तीर्थ नैमिषारण्य, गढ़मुक्तेश्वर और अयोध्या में रूद्राक्ष वन की स्थापना हेतु भी माननीय मुख्यमंत्री जी से चर्चा की।

स्वामी जी ने कहा कि पौराणिक साक्ष्यों और उल्लेखों के आधार पर गढ़ मुक्तेश्वर, नैमिषारण्य और अयोध्या का अद्भुत महत्व है। शिवपुराण के अनुसार ‘गढ़मुक्तेश्वर‘ का प्राचीन नाम ‘शिववल्लभ‘ हुआ करता था, अर्थात यह नाम भगवान शिव का एक प्रिय नाम है। पुराणों में गढ़ मुक्तेश्वर की महिमा काशी के समान ही बताई गई है। मार्कण्डेय पुराण में उल्लेख मिलता है कि नैमिषारण्य में 88,000 ऋषियों की तपःस्थली थी। वेदव्यास जी के शिष्य सूत जी ने महाभारत तथा पुराणों की कथाएँ ऋषियों को वहीं पर सुनाई थीं। ऋषि मनु व सतरूपा ने नैमिषारण्य में ही अनेक वर्षों तक साधना की थी और अयोध्या तो प्रभु श्री राम की जन्मभूमि हैं इन पवित्र स्थानों पर रूद्राक्ष के पौधों का रोपण कर इन तीर्थों को स्वच्छ, जीवंत और जागृत रखा जा सकता हैं।

स्वामी जी ने महंत श्री योगी आदित्यनाथ जी को परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा तट पर वर्ष 1997 से दिव्य आरती का क्रम आरम्भ किया था तब से अनवरत यह क्रम चल रहा है। अब तो यह गंगा आरती विश्व में ख्याति प्राप्त कर चुकी है, इसके माध्यम से हम ज्वलंत सामाजिक समस्यायें, पर्यावरण, जल, स्वच्छता, राष्ट्र और वैश्विक स्तर की समस्याओं के विषय में जनसमुदाय को जागरूक करने का प्रयास करते हंै, तथा समय समय पर विख्यात विशेषज्ञों को आमंत्रित कर इन समस्याओं के विषय में समाधान भी प्रस्तुत करते हंै। इसके माध्यम से विश्व के कई देशों मंेें रह रहे प्रवासी भारतीय और गंगा प्रेमी भारतीय संस्कृति से जुड़ते हैं तथा गंगा एवं भारत के दर्शन को आत्मसात करते हंै। इस मंच से दिये संदेशों को दूर तक पहुंचाया जा सकता है।

स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।

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