
Pujya Swamiji Meets with Uttar Pradesh Chief Secretary Shri Durga Shankar Mishra
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्र जी की आज भेंटवार्ता हुई। इस अवसर पर आगामी प्रयागराज कुम्भ मेले को दिव्य और भव्य बनाने हेतु परमार्थ निकेतन के योगदान के विषय में चर्चा की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कुम्भ मेले के दौरान परमार्थ निकेतन की तर्ज पर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, आदिवासी-जनजाति कलाकारों द्वारा रामलीला तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी-जनजाति प्रमुखों द्वारा कीवा फेस्टिवल का आयोजन के विषय में भी विस्तृत चर्चा की। साथ ही कुम्भ मेला के माध्यम से अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों, सार्वभौमिक मूल्यों, सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण का संदेश प्रसारित किया जाये तो विलक्षण परिवर्तन होगा।
स्वामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन में विगत 33 वर्षो से अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विश्व के 100 से अधिक देशों के प्रतिभागी प्रतिभाग करते हैं। कुम्भ मेला के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाये तो भारत के छोटे-छोटे गांवों से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक इस संदेश को प्रसारित किया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि कुम्भ एक अवसर है जहां से सभी संस्कृतियों को जीवंत और जागृत बनाये रखने का संदेश प्रसारित किया जाये ताकि कोई भी पीछे न रह जाये। स्वदेशी, जनजाति व आदिवासी संस्कृति से सभी को अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वदेशी लोगों की अद्वितीय संस्कृति है। वे पर्यावरण समर्थित परंपराओं के उत्तराधिकारी व अभ्यासी हैं। कुम्भ के माध्यम से पूरे समाज को संदेश जाये की वे समाज की मुख्य धारा से अलग नहीं हैं।
स्वामी जी ने कहा कि विश्व की लगभग 80 प्रतिशत जैव विविधता स्वदेशी आबादी द्वारा आबाद और संरक्षित है। स्वदेशी लोगों द्वारा उगाई जाने वाली फसलें अत्यधिक अनुकूलनीय होती हैं। क्विनोआ, मोरिंगा और ओका कुछ ऐसी देशी फसलें हैं जो हमारे खाद्य आधार का विस्तार एवं विविधता लाने की क्षमता रखती हैं। इनका जीरो हंगर लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय दुर्गाशंकर जी को गोबर व मिट्टी के बने श्री गणेश जी भेंट किये थे जिसे उन्होंने मुख्य सचिव आवास में स्थापित किया ताकि पूरे प्रदेश व प्रदेश की जनता के विघ्नों को दूर किया जा सके। श्री दुर्गाशंकर मिश्र जी ने बताया कि श्री गणेश जी की स्थापना से पूरे वातावरण की ऊर्जा ही बदल गयी।
इस अवसर पर स्वामी जी ने वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल का संदेश दिया।