परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व अभिभावक दिवस के अवसर पर दुनिया भर के सभी माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की जा रही सेवा और परिश्रम की सराहना करते हुये कहा कि माता-पिता बच्चों का पालन-पोषण कर उन्हें सुरक्षा और संस्कार देकर सुखद भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि अभिभावकों द्वारा किये जा रहे आजीवन बलिदान, प्रेम, त्याग और सामंजस्यपूर्ण पारिवारिक माहौल से ही संस्कार युक्त पीढ़ी का निर्माण होता है, जो न केवल परिवार या राष्ट्र बल्कि वैश्विक स्तर पर...
आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने संदेश दिया ‘नशा’ नाश करता है इसलिये नशे से अपना नाता तोडं़े और जिन्दगी से रिश्ता जोड़ें। जिन्दगी चुनंे, तंबाकू नहीं, जीवन चुनें, जहर नहीं।
तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन गंगा तट पर सीमा डेन्टल काॅलेज के छात्रों और परमार्थ निकेतन गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नूक्कड़ नाटक के माध्यम से जनसमुदाय को जागरूक करते हुये तंबाकू महामारी...
Pujya Swamiji's blessings and message is a call to action for individuals and communities to work together in promoting menstrual hygiene, supporting women and girls, and fostering an environment of empowerment and education. He beautifully shares "May we all come together today on Menstrual Hygiene Day and every day to celebrate, uplift, educate and empower the divine goddess in our women, girls and Mother Earth!"
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Parmarth Niketan · Connect with Your Roots- Pujya Swamiji
Pujya Swamiji beautifully shares that staying connected to our values and culture allows us to pass on this rich legacy to future generations. It helps in fostering a sense of community, mutual respect, and understanding among individuals. By embracing our roots, we not only preserve our own cultural heritage but also contribute to the diversity and richness of the global tapestry of humanity.
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पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी - मुनिजी के श्रीमुख से मंत्रमुग्ध कर देने वाला दिव्य संगीत “गोविंद जय जय गोपाल जय जय, राधारमण हरि गोविंद जय जय ” का आनन्द लिजिये। गोविंद जय जय भजन एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण की महिमा करता है। भक्त भजन के माध्यम से परमात्मा के प्रति अपनी भक्ति, प्रेम और भावनाओं को व्यक्त करते हैं Govind Jay Jay Bhajan is a devotional song that glorifies Lord Krishna. "Govind" is a name for Lord Krishna, derived from the Sanskrit words "go" meaning cow and...
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज जैव विविधता हेतु अन्तर्राट्रीय दिवस के अवसर पर पर्यावरण और प्रकृति को समर्पित मासिक श्री राम कथा के दिव्य मंच से संदेश दिया कि जैविक संपदा ही जीवन संपदा है। वैश्विक संतुलन को बनाए रखने के लिए जैव विविधता महत्वपूर्ण है।
निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व और संरक्षक गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान और गोविंद वन्यजीव अभयारण्य श्री साकेत बडोला जी ने सपरिवार परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया। स्वामी जी ने जैव विविधता, अमृत सरोवर और...
Pujya Swamiji beautifully shares that staying connected to our values and culture allows us to pass on this rich legacy to future generations. It helps in fostering a sense of community, mutual respect, and understanding among individuals. By embracing our roots, we not only preserve our own cultural heritage but also contribute to the diversity and richness of the global tapestry of humanity....
पूज्य स्वामीजी ने दिव्य श्री राम कथा के पावन अवसर पर संदेश दिया कि माँ गंगा के पावन तट पर प्रति वर्ष श्रीराम कथा का अनुष्ठान होता है। इस अनुष्ठान के माध्यम से अपने जीवन में दिव्यता और पवित्रता को आत्मासात करें। हम स्वयं तन, मन और धन से समर्पित होकर बैठे तथा कथा का श्रवण, मनन और निदिध्यासन करें।
श्रवण अर्थात् श्री राम कथा को ध्यान से सुनना तथा कथा के अंतर्निहित संदेशों को समझना और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना।
मनन अर्थात श्री राम कथा के महत्वपूर्ण...
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विश्व परिवार दिवस के अवसर पर विविधता में एकता का संदेश देते हुये कहा कि शिवपरिवार विविधता में एकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। शिव परिवार दर्शाता है कि भगवान शिव के गले में सर्प, गणेश जी का वाहन चूहा और कार्तिकेय जी का वाहन मोर है। वास्तव में सर्प, चूहे का भक्षण करता है और मोर, सर्प का परन्तु परस्पर विरोधी स्वभाव होते हुये भी शिव परिवार में अद्भुत प्रेम के दर्शन होते हैं। विचारों, प्रवृतियों और अभिरूचियों में विभिन्नता और विषमताओं के...
कीर्तन करने से मन शुद्ध होता है और आत्मा को शांति मिलती है। कीर्तन आत्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हम अपनी भावनाओं और भक्ति को व्यक्त करते हैं।
परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी - मुनिजी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली दिव्य ध्वनि में सुने “राधे - राधे”...