परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी अपनी विदेश यात्रा के पश्चात आज पधारे। परमार्थ गुरूकुल के आचार्यो, ऋषिकुमारों और सेवकों ने पुष्पवर्षा, वेद मंत्र और शंख ध्वनि से दिव्य और भव्य अभिनन्दन किया।
आज अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वेदों के मंत्र पूरे विश्व को संजीवनी देने वाले मंत्र है। यजुर्वेद में बडा ही प्यारा मंत्र है ‘‘मित्रस्य चक्षुषा समीक्ष्यामहे’’, अर्थात् पूरे विश्व के साथ मित्रवत् व्यवहार करें। साथ ही धरती पर रहने वाले समस्त प्राणियों को अपनत्व की दृष्टि से...
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर बाघों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक पौधारोपण करें क्योंकि बाघों का संरक्षण अर्थात वनों का संरक्षण। बाघों का संरक्षण वनों के संरक्षण का प्रतीक है।...
Nature is creation of the Divine God (Bhagwan). The word "Bhagwan" is composed of five letters, each representing an element of Nature:
"Bha" - Bhumi (Earth): Earth is the foundation of life and sustains all living beings.
"G" - Gagan (Sky): The sky represents the vast expanse above us, including the atmosphere, stars, and celestial bodies. It symbolizes the vastness and infinity of the universe.
"W" - Vayu (Air): Air is essential for all living beings, as we breathe it to sustain life. It represents the life force or energy that permeates everything.
"A"...
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पर्यावरण की रक्षा हेतु सस्टेनेबल डेवलपमेंट का संदेश दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि पृथ्वी पर पाये जाने वाले प्राकृतिक संसाधन मानवीय गतिविधियों के कारण संकट की स्थिति में है। अगर पर्यावरण विरोधी गतिविधियां अब भी न रूकी तो वह दिन दूर नहीं जब आगे आने वाली पीढ़ियों के लिये वह इतिहास बन कर रह जायेगा। हमें ध्यान देना होगा कि हमारे जीवन में होने वाली प्रत्येक क्रिया और गतिविधि प्रकृति पर निर्भर...
पूज्य स्वामीजी ने कारगिल विजय दिवस पर हमारे देश के जवानों के महान बलिदान और सेवा को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा भारतीय सेना के अदम्य साहस और पराक्रम को नमन किया।
Pujya Swamiji offers his tribute and message on Kargil Vijay Diwas, remembering and saluting the great sacrifice and service of our nations jawans who are offering their lives in the service and security of the nation....
Kargil Victory Day is a reminder of the sacrifices made by our brave soldiers and their unwavering commitment to safeguarding the sovereignty and integrity of our country.
On this day, let us express our heartfelt gratitude and respect to all the brave soldiers, their families, and the entire Indian Army for their relentless efforts and dedication in ensuring the safety and progress of our nation.
Jai Hind!...
The Sacred Sanskrit Mantra, Koham Kastam is the perfect mantra to use in a meditation practice as an aid in manifesting an inner realization of the nature of the self - the Who Am I? By chanting Koham Kastam, the mind settles into serenity and silence...
Parmarth Niketan · Yoga For Vasudhaiva Kutumbakam- Pujya Swamiji
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस सारी सीमाओं को लांघते हुए योग के सार्वभौमिक रूप के दर्शन करता है। योग हमारे ऋषियों की हजारों वर्षों तक की अथक तपस्या का परिणाम हैं। ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात सुख-दुःख; सम और विषम दोनों परिस्थितियों में समान रहने का सूत्र देता है। योग जब जीवन में उतरता है तो जीव तर जाता है।
जब हम योग से जुड़ते हैं तो न केवल हम अपने शरीर, आत्मा और भावनाओं से जुड़ते हैं बल्कि हम विराट ब्रह्माण्ड और विराट सत्ता से...
|| उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला की शुभकामनाएं ||
|| Happy Harela ||
हरेला पर्व को मनाने का उद्देश्य यह है कि हमारे साथ-साथ, प्रकृति और हमारी धरती माँ स्वच्छ व सुरक्षित बनी रहे। पर्व को एक अवसर बना लें, खुद को बदलने का और खुद से बदलने का। घर-परिवार में, जीवन में और हर एक के जीवन में खुशियां लाने का, उत्सव बना लें।
Celebrate the festival Harela so that along with us, Nature and our Mother Earth remain clean and safe. Turn this festival into an opportunity to change yourself and bring...
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस सारी सीमाओं को लांघते हुए योग के सार्वभौमिक रूप के दर्शन करता है। योग हमारे ऋषियों की हजारों वर्षों तक की अथक तपस्या का परिणाम हैं। ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात सुख-दुःख; सम और विषम दोनों परिस्थितियों में समान रहने का सूत्र देता है। योग जब जीवन में उतरता है तो जीव तर जाता है।
जब हम योग से जुड़ते हैं तो न केवल हम अपने शरीर, आत्मा और भावनाओं से जुड़ते हैं बल्कि हम विराट ब्रह्माण्ड और विराट सत्ता से जुड़ जाते हैं और फिर न...