Shravan, Manan, and Nididhyasana
पूज्य स्वामीजी ने दिव्य श्री राम कथा के पावन अवसर पर संदेश दिया कि माँ गंगा के पावन तट पर प्रति वर्ष श्रीराम कथा का अनुष्ठान होता है। इस अनुष्ठान के माध्यम से अपने जीवन में दिव्यता और पवित्रता को आत्मासात करें। हम स्वयं तन, मन और धन से समर्पित होकर बैठे तथा कथा का श्रवण, मनन और निदिध्यासन करें। श्रवण अर्थात् श्री राम कथा को ध्यान से सुनना तथा कथा के अंतर्निहित संदेशों को समझना और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना। मनन अर्थात श्री राम कथा के महत्वपूर्ण...