कीर्तन करने से मन शुद्ध होता है और आत्मा को शांति मिलती है। कीर्तन आत्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हम अपनी भावनाओं और भक्ति को व्यक्त करते हैं।
परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी - मुनिजी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली दिव्य ध्वनि में सुने “राधे - राधे”...
Pujya Swami ji Maharaj's message on the occasion of Narada Jayanti emphasises the importance of leading a virtuous and righteous life, and the significance of Narad Ji as a divine messenger who dedicated his life to helping people attain salvation from sin and curse.
In his message, Pujya Swamiji highlights the need for individuals to refrain from actions that cause harm to others, and to always work towards promoting positivity and constructive outcomes. He stresses the importance of conserving natural resources, especially water and the river Ganga, as they are essential...
परम पूज्य स्वामी जी ने दिया संदेश हिरण्याकशिपु ने धर्म विरूद्ध आचरण करते हुये अपने बेटे प्रह्लाद को भी कष्ट दिये इसलिये प्रभु ने हिरण्याकशिपु पर प्रहार किया और प्रह्लाद को बचाकर उसे प्यार दिया; रावण पर प्रहार किया; रावण का संहार किया लेकिन उसी के भाई विभीषण को प्यार दिया, राज्य दिया; बाली पर प्रहार किया और उनके बेटे अंगद को अपनी शरण में लेकर प्यार किया। प्रहार और प्यार के बीच, वार और प्यार के बीच, एक ओर उग्रता तो दूसरी ओर व्याग्रता है इसके पीछे प्रभु का...
आइये परम पूज्य स्वामी जी के श्री मुख से सुने “ज्योत से ज्योत जलाते चलो”
पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी - मुनिजी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली दिव्य वाणी हमें सदैव आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रोत्साहित करती है । यह दिव्य भजन हमें जीवन के हर क्षण में ज्योति की तलाश करने और ज्योति को फैलाने के लिए हमेशा सक्रिय रहने का संदेश देता है तथा जीवन में सदैव सत्य और न्याय की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है।
It is indeed true that the devotional voice of HH Pujya Swami ji...
गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर पूज्य स्वामी जी ने दिया संदेश राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर उनके पूर्वजों को मुक्ति प्रदान करने हेतु पधारी, तब से लेकर आज तक वह लाखों-लाखों लोगों को ‘जीवन और जीविका’ प्रदान कर रही हैं तथा भारत की लगभग 40 प्रतिशत आबादी गंगा जल पर आश्रित हैं। अभी तक माँ गंगा हमारा कायाकल्प करती आयी हैं इसलिये हमें संकल्पित होना होगा ‘जल चेतना को जन चेतना’ एवं ‘जल आंदोलन को जन आंदोलन’ बनाना होगा ताकि माँ गंगा...
वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि को माँ गंगा स्वर्ग लोक से शिवजी की जटाओं से होती हुई धरती पर अवतरित हुई थीं, इसलिये आज के दिन को माँ गंगा के ‘अवतरण दिवस गंगा सप्तमी’ के रूप में मनाया जाता है।
आज गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माँ गंगा का अभिषेक और पूजन किया। उन्होंने कहा कि माँ गंगा एक नदी नहीं बल्कि हम भारतीयों की ‘माँ’ है। माँ गंगा एकमात्र ऐसी नदी है जो तीनों लोकों स्वर्गलोक, पृथ्वीलोक और पातल लोक से...
भगवान शंकराचार्य जी की जयंती पर शुभकामनाएं। अद्वैत वेदांत के प्रतिष्ठापक भगवान जगद्गुरू शंकराचार्य न केवल हिन्दू धर्म को समृद्ध किया बल्कि समाज के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनका जीवन शुद्धि, बुद्धि और सिद्धि का संगम है। । ज्ञान, भक्ती और कर्म की अद्भुत त्रिवेणी है आदिगुरु शंकराचार्य जी का जीवन। शंकराचार्य जी की जयंती पर उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लें और उनके संदेशों को अपनाकर जीवन में सफलता और शांति प्राप्त करें।
On this auspicious occasion of Shankaracharya Jayanti, let us all take inspiration from...
पूज्य स्वामी जी ने दिया संदेश ‘‘आज अद्भुत संयोग है क्योंकि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर विश्व पृथ्वी दिवस भी हैं। यह समय अपनी धरती माता से जुड़ने का है ताकि हम पर्यावरण की चुनौतियों यथा क्लाइमेंट चेंज, ग्लोबल वार्मिग, प्रदूषण को कम करने के साथ ही जैव विविधता को जानें, समझें और जियें। धरती है तो हम हैं, धरती ही हमारा खरा सोना हैं इसलिये हमे अपनी धरती माता के महत्व को समझना होगा। हमें अपनी प्रकृति और पृथ्वी के साथ सद्भाव और मानवतापूर्ण व्यवहार करना होगा और...
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस के अवसर पर पर्यावरण, प्रकृति और धरा के संरक्षण का संदेश देते हुये कहा कि अपनी रचनात्मकता और नवाचार को सतत विकास और इस दुनिया को बेहतर बनाने हेतु लगाये ताकि भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य का निर्माण किया जा सके।
विश्व रचनात्मकता और नवाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नये विचारों, नये निर्णयों और रचनात्मक सोच के माध्यम से अपनी इस धरा, दुनिया और सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड को बेहतर बनाने और सतत विकास लक्ष्यों...