HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswati and Pujya Sadhvi Bhagawati Saraswati ji lead a sublime Special Satsang filled with Sacred Mantra Chanting, Meditation and Spiritual Q&A on the beautiful Yoga Ghat along the holy banks of Mother Ganga! It's all part of the sacred programmes and events offered at the renowned International Yoga Festival at Parmarth Niketan....
अन्याय और अधर्म पर भक्ति की शक्ति और सत्य की जीत का पर्व होली के पावन अवसर पर पूज्य स्वामीजी का संदेश - ‘होली के रंग और गुलाल की मिठास के साथ आईये अपने अतंस को प्रेम, आनंद, उल्लास और कृतज्ञता से भर लें। अपने प्रियजनों के साथ पर्यावरण के अनुकूल, हरित और सुरक्षित होली मनाएं। आईये एक-दूसरे के हो-ले, यही तो होली हैं। Greetings and blessings on the auspicious occasion of Holi, the festival of victory of devotion and truth over injustice and Inequity. Pujya Swamiji encourages us to...
Pujya Swamiji shares so beautifully about how Mental Health Matters to our well-being and offers several beautiful sutras and profound messages on moving with speed as well as direction, enjoying the benefits of faster speed internet whilst simultaneously not forgetting our inner net. He speaks to youth candidly about the purpose of life , multivitamins we need to take everyday to maintain our mental and emotional health as well as so much more. ...
मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आयेंगे पूज्य स्वामीजी ने दिया संदेश - परमात्मा की दिव्य कृपा के लिये किसी वस्तु की नहीं बल्कि भाव की; भक्ति की आवश्यकता है। माता शबरी का पवित्र हृदय, भक्ति, भाव और प्रेम के बल पर स्वंय प्रभु श्री राम उनकी झोपड़ी में आयें और प्रेमवश उनके जूठे बेर खाये। भक्त का भाव हो तो प्रभु कृपा अवश्य बरसती हैं।...
पूज्य स्वामीजी कहते हैं कि जब हम दिव्य प्रेम से भर जाते हैं, हम प्रेम को प्रकट करते हैं। प्रेम प्रकट करना अच्छी बात है परन्तु प्रेम, क्षणिक नहीं शाश्वत होना हो जिससे स्वयं को भी खुशी मिले तथा परिवार, प्रकृति, पर्यावरण व राष्ट्र का भी कल्याण हो। अपने राष्ट्र को प्रेम करें, अपनी धरती को प्रेम करें, सबको प्रेम बांटे परन्तु वह प्रेम, आध्यात्मिकता, सत्य और करूणा से युक्त हो। प्रेम हमारे सारे रोग दूर कर सकता है। स्वस्थ रहने का एकमात्र तरीका सभी से प्रेम करना है, विशेष...
माँ, मातृभूमि और मातृभाषा ये तीनों ही संस्कारों की जननी हैं।’’ मातृभाषा हमें अपने मूल और मूल्यों से जोड़ती है। माँ से जन्म, मातृभूमि से हमारी राष्ट्रीयता और मातृभाषा से हमारी पहचान होेती है इसलिये जरूरी है कि हम कम से कम अपने घर-परिवार में अपनी मातृभाषा में ही वार्तालाप करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी भाषा के माध्यम से अपनी संस्कृति, संस्कार और मूल को जान सकंे। भाषाओं के संरक्षण के लिये अपनी भाषा को बोलने और उसे दिल से स्वीकारने की जरूरत है। अपनी भाषा, लिपि और अपनी...
ऋषिकेश, 19 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और आशीर्वाद से आज यमुना छठ घाट, आईटीओ के पास दिल्ली में महाआरती का शुभारम्भ हुआ। विश्व विख्यात आध्यात्मिक सूफी गायक श्री कैलाश खेर ने अपने अनूठे व मनमोहक अन्दाज में आज यमुना जी की दिव्य और भव्य आरती का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर माननीय राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल जी, नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा - नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल श्री जी अशोक कुमार...
पूज्य स्वामी जी ने कहते हैं कि भगवान शिव, आदि योगी है, कल्याणकारी है। भगवान शिव ने जगत के कल्याण के लिये विष को अपने कंठ में धारण कर इस धरा को विषमुक्त किया। हमारे चारों ओर वातावरण में और हमारे विचारों में विष और अमृत दोनों व्याप्त हैं, अब यह हमारा दृष्टिकोण है कि हम विष युक्त जीवन जियें या अमृत से युक्त जियें। हम अपनी जिन्दगी को अमृत से भर लें या विष से भर दें। अगर हम जिन्दगी को विष से भरते है तो हमारा...
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विविधता में एकता, समर्पण, प्रेम और त्याग का संदेश देते हुये कहा कि शिवपरिवार विविधता में एकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। शिव परिवार दर्शाता है कि भगवान शिव के गले में सर्प, गणेश जी का वाहन चूहा और कार्तिकेय जी का वाहन मोर है। वास्तव में सर्प, चूहे का भक्षण करता है और मोर, सर्प का परन्तु परस्पर विरोधी स्वभाव होते हुये भी शिव परिवार में अद्भुत प्रेम के दर्शन होते हैं। विचारों, प्रवृतियों और अभिरूचियों में विभिन्नता और विषमताओं के बावजूद शिवपरिवार...