Importance Of Traditions | Interview With Times Now
“हम अपने युवाओं को भारतीय परम्पराओं और मान्यताओं के सही अर्थ से अवगत नहीं करायेंगे तो यह परम्परायें समय के साथ समाप्त हो जायेंगी। इसलिये जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी भारतीय परम्पराओं और मान्यताओं के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पक्ष को समझे और उसके मूल और मूल्यों से जुड़ी रहे।”
श्राद्ध पित्तरों की श्रद्धा और आस्था से जुड़ा एक महापर्व है। हिंदी धर्म में पितृपक्ष भारतीय संस्कृति से जुड़ा एक अनूठा हिस्सा है जिसमें पित्तरों को याद कर उनका श्राद्ध तर्पण दान आदि किया जाता है।इस सिलसिले में टाइम्स नाउ हिंदी ने ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से बातचीत की जिन्होंने इससे जुड़े विषय पर प्रकाश डाला।
पूज्य स्वामी जी ने इस बारे में बताया कि यदि इसका सकारात्मक उपयोग किया जाये तो यह समाज में विलक्षण परिवर्तन कर सकता है। टाइम्स नाऊ की यह पहल कि भारतीय संस्कारों का वास्तविक पक्ष क्या है और युवाओं को कैसे अपनी दिव्य संस्कार परम्पराओं जोड़ेा।
In a recent Interview with Times Now, Delhi-Pujya Swamiji spoke about the importance of the shrad paksh or Pitru paksha in India a 16–lunar day period in Hindu calendar when Hindus pay homage to their ancestor. Pujya SwamiJi also spoke about the importance of getting our youth and children Connected to our culture, traditions and rituals. It is extremely important for our youth to understand and ingrain these traditional knowledge and become well groomed cultural ambassadors.