logo In the service of God and humanity
Stay Connected
Follow Pujya Swamiji online to find out about His latest satsangs, travels, news, messages and more.
     
H.H. Pujya Swami Chidanand Saraswatiji | | Message on World Parents Day
37188
post-template-default,single,single-post,postid-37188,single-format-standard,edgt-core-1.0.1,ajax_fade,page_not_loaded,,hudson-ver-2.0, vertical_menu_with_scroll,smooth_scroll,side_menu_slide_from_right,blog_installed,wpb-js-composer js-comp-ver-7.5,vc_responsive

Message on World Parents Day

Jun 01 2023

Message on World Parents Day

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व अभिभावक दिवस के अवसर पर दुनिया भर के सभी माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की जा रही सेवा और परिश्रम की सराहना करते हुये कहा कि माता-पिता बच्चों का पालन-पोषण कर उन्हें सुरक्षा और संस्कार देकर सुखद भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

स्वामी जी ने कहा कि अभिभावकों द्वारा किये जा रहे आजीवन बलिदान, प्रेम, त्याग और सामंजस्यपूर्ण पारिवारिक माहौल से ही संस्कार युक्त पीढ़ी का निर्माण होता है, जो न केवल परिवार या राष्ट्र बल्कि वैश्विक स्तर पर अद्भुत परिवर्तन कर सकते हैं। परिवारिक संस्कारों से ही समाज की नींव मजबूत होती है। परिस्थितियां कैसी भी हो परन्तु माता-पिता हमेशा अपने बच्चों के साथ खड़े रहते हैं और बच्चांे की जीवन यात्रा को सफल बनाने में निःस्वार्थ परिश्रम करते हैं। धरती पर माता-पिता प्रत्यक्ष देवता हैं। हमारी गौरवशाली संस्कृति मंे धरती माता तथा अभिभावकों को भगवान का दर्जा दिया गया हंै, वे अपने बच्चों को प्रसन्न और स्वस्थ रखने के लिए स्वयं संघर्ष करते हैं; बच्चों को सर्वश्रेष्ठ देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं इसलिए उनके बलिदान को हमेशा याद रखंे।

स्वामी जी ने कहा कि अभिभावक “बच्चों को जन्म देने के निमित्त ही नहीं है बल्कि श्रेष्ठ संस्कार देना भी उनकी जिम्मेदारी है। बच्चों के विकास में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। साथ ही जब बच्चे कम उम्र के हो तभी से उन्हें कुछ घरेलू काम दें और व्यवसाय के काम में मदद करने के लिए कहें, इससे उन्हें अपने पास जो कुछ भी है उसकी कीमत का पता चलेगा और वे अपनी जिम्मेदारी के प्रति जाग्रत होंगे । बच्चों को ओवरप्रोटेक्टिव न बनाये इससे उनका सही विकास नहीं हो सकता। बच्चे को जीवन में आने वाली असफलता का साहसपूर्वक सामना करना सिखाये । हमेशा किसी भी चुनौती का सामना करने से पहले बच्चे को प्रेरित करें, और किसी भी निष्फलता के लिए उनकी कभी आलोचना न करें। इसके बजाय, उनसे पूछें कि उन्होंने क्या सबक सीखा या वे इसे कैसे ठीक करेंगे। अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देकर अभिभावक समाज को समग्र रूप से आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Share Post