Examine Yourself!
भक्ति का अर्थ ये नहीं कि हम ठाकुर जी से अपने स्वार्थ सिद्ध करें, बल्कि यह है कि हम स्वयं को उनके चरणों में अर्पित कर दें। जब हम अपना अहं त्यागकर ईश्वर को समर्पित होते हैं, तभी सच्चे अर्थों में जीवन का उत्थान होता है। ईश्वर को साधन नहीं, साध्य बनाइए — यही सच्ची भक्ति है। Do not Bargain with God. Devote yourself entirely with surrender and love. ...