श्रद्धा, शौर्य और आस्था का महासंगम राम नवमी पर्व की देशवासियों को शुभकामनायें! भगवान श्री राम जी के प्राकट्य दिवस के अवसर पर परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज का संदेश - भगवान श्रीराम एक आदर्श चरित्र है। उन्होंने पद-प्रतिष्ठा से परे जीवन जिया, उनका सम्पूर्ण जीवन मानवीय आदर्शें से युक्त हैं। * श्री राम जी का नैतिकता से युक्त अलौकिक व्यक्तित्व उनके जीवन को और उदात्त बनाता है। श्रीराम जी का संपूर्ण जीवन ही लोक कल्याण को समर्पित रहा है। उनके जीवन का लक्ष्य था समाज में सत्य...
पूज्य स्वामी जी ने नव संवत्सर और नवरात्रि के पावन पर्व पर दिया संदेश - भक्ति और शक्ति का पर्व है नवरात्रि। जीवन को दिव्य और शक्तिसम्पन्न बनाने का अवसर प्रदान करता है यह पर्व। इन नौ दिनों में कुछ नया चुने, कुछ नया बुने। उत्साह, प्रफुल्लित मन और नई उर्जा से ओतप्रोत होकर आईये मनायें नव वर्ष।...
प्रकृति के संरक्षण हेतु पूज्य स्वामीजी का दिव्य संदेश ’‘देश हमे देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें’’। आने वाली पीढ़ियाँ, प्रकृति और संस्कृति को बचाने के लिए आईये अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पानी बचाएं। ‘‘पानी है तो प्राणी है’’।...
अन्याय और अधर्म पर भक्ति की शक्ति और सत्य की जीत का पर्व होली के पावन अवसर पर पूज्य स्वामीजी का संदेश - ‘होली के रंग और गुलाल की मिठास के साथ आईये अपने अतंस को प्रेम, आनंद, उल्लास और कृतज्ञता से भर लें। अपने प्रियजनों के साथ पर्यावरण के अनुकूल, हरित और सुरक्षित होली मनाएं। आईये एक-दूसरे के हो-ले, यही तो होली हैं।
Greetings and blessings on the auspicious occasion of Holi, the festival of victory of devotion and truth over injustice and Inequity. Pujya Swamiji encourages us to...
Pujya Swamiji shares so beautifully about how Mental Health Matters to our well-being and offers several beautiful sutras and profound messages on moving with speed as well as direction, enjoying the benefits of faster speed internet whilst simultaneously not forgetting our inner net. He speaks to youth candidly about the purpose of life , multivitamins we need to take everyday to maintain our mental and emotional health as well as so much more.
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मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आयेंगे
पूज्य स्वामीजी ने दिया संदेश - परमात्मा की दिव्य कृपा के लिये किसी वस्तु की नहीं बल्कि भाव की; भक्ति की आवश्यकता है। माता शबरी का पवित्र हृदय, भक्ति, भाव और प्रेम के बल पर स्वंय प्रभु श्री राम उनकी झोपड़ी में आयें और प्रेमवश उनके जूठे बेर खाये। भक्त का भाव हो तो प्रभु कृपा अवश्य बरसती हैं।...
प्रभु श्री राम की परम भक्त व ऋषि मतंग की शिष्या शबरी (श्रमणा) की जयंती पर उनकी दिव्य भक्ति, आस्था को नमन।
On the birth anniversary of Shabari (Shramana), the supreme devotee of Lord Shri Ram and disciple of sage Matang, salutations to her divine devotion and faith....
22 फरवरी, ऋषिकेश। अन्तर्राष्ट्रीय चिंतन दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ‘वैश्विक शांति’ हेतु श्रेष्ठ और सकारात्मक चिंतन का संदेश देते हुये कहा कि वैश्विक शान्ति की संपूर्ण विश्व को आवश्यकता है। वर्तमान समय में ऐसे चिंतन की आवश्यकता है जहां पर मानव हितों के साथ-साथ प्रकृति का भी संरक्षण हो।
‘वल्र्ड थिंकिंग डे’ के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि “वसुधैव कुटुंबकम्”, शांति एवं सद्भाव भारतीय संस्कृति की मूल विशेषताएं रही हैं इस संस्कृति ने हमें...
माँ, मातृभूमि और मातृभाषा ये तीनों ही संस्कारों की जननी हैं।’’ मातृभाषा हमें अपने मूल और मूल्यों से जोड़ती है। माँ से जन्म, मातृभूमि से हमारी राष्ट्रीयता और मातृभाषा से हमारी पहचान होेती है इसलिये जरूरी है कि हम कम से कम अपने घर-परिवार में अपनी मातृभाषा में ही वार्तालाप करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी भाषा के माध्यम से अपनी संस्कृति, संस्कार और मूल को जान सकंे।
भाषाओं के संरक्षण के लिये अपनी भाषा को बोलने और उसे दिल से स्वीकारने की जरूरत है। अपनी भाषा, लिपि और अपनी...
ऋषिकेश, 21 फरवरी। अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ‘‘माँ, मातृभूमि और मातृभाषा ये तीनों ही संस्कारों की जननी हैं।’’ मातृभाषा हमें अपने मूल और मूल्यों से जोड़ती है। माँ से जन्म, मातृभूमि से हमारी राष्ट्रीयता और मातृभाषा से हमारी पहचान होेती है इसलिये जरूरी है कि हम कम से कम अपने घर-परिवार में अपनी मातृभाषा में ही वार्तालाप करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी भाषा के माध्यम से अपनी संस्कृति, संस्कार और मूल को जान सकंे।
भारत की संस्कृति...