Environment & Living Green Tag
प्रकृति के संरक्षण हेतु पूज्य स्वामीजी का दिव्य संदेश ’‘देश हमे देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें’’। आने वाली पीढ़ियाँ, प्रकृति और संस्कृति को बचाने के लिए आईये अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पानी बचाएं। ‘‘पानी है तो प्राणी है’’।...
अन्याय और अधर्म पर भक्ति की शक्ति और सत्य की जीत का पर्व होली के पावन अवसर पर पूज्य स्वामीजी का संदेश - ‘होली के रंग और गुलाल की मिठास के साथ आईये अपने अतंस को प्रेम, आनंद, उल्लास और कृतज्ञता से भर लें। अपने प्रियजनों के साथ पर्यावरण के अनुकूल, हरित और सुरक्षित होली मनाएं। आईये एक-दूसरे के हो-ले, यही तो होली हैं।
Greetings and blessings on the auspicious occasion of Holi, the festival of victory of devotion and truth over injustice and Inequity. Pujya Swamiji encourages us to...
ऋषिकेश, 19 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और आशीर्वाद से आज यमुना छठ घाट, आईटीओ के पास दिल्ली में महाआरती का शुभारम्भ हुआ। विश्व विख्यात आध्यात्मिक सूफी गायक श्री कैलाश खेर ने अपने अनूठे व मनमोहक अन्दाज में आज यमुना जी की दिव्य और भव्य आरती का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर माननीय राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल जी, नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा - नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल श्री जी अशोक कुमार...
ऋषिकेश, 18 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाशिवरात्रि की शुभकामनायें देते हुये कहा कि फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है ‘‘माघकृष्ण चतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि। ॥ शिवलिंगतयोद्रूतः कोटिसूर्यसमप्रभ’’॥ क्योंकि इसी दिन भगवान शिव और पार्वती जी का विवाह हुआ था। ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का तेजोमय दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रादुर्भाव हुआ था इसलिये भी महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि भक्ति एवं मुक्ति दोनों ही देने वाली है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती...
ऋषिकेश, 3 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वन संरक्षण सप्ताह के अवसर पर पौधा रोपण का संदेश देते हुये कहा कि वन है तो जीवन है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड, वन और जल संपदा से युक्त प्रदेश है। वनों को सबसे अधिक खतरा वनाग्नि से होता है। वनाग्नि, मानव, प्रकृति तथा वन्य जीव जंतुओं सभी के लिये खतरा है। जंगलों की आग के कारण न केवल जीवों का बल्कि मानव का जीवन भी प्रभावित होता है।
अप्रैल-मई में अक्सर देश के विभिन्न हिस्सों...
वल्र्ड वेटलैंड दिवस के अवसर पर पूज्य स्वामीजी ने कहा कि मां गंगा एवं अपने आस-पास की झीलों, नदियों, तलाबों और जलस्रोतों के संरक्षण का संकल्प ले क्योंकि ‘‘जल है तो जीवन है! जल है तो कल है’’
पूज्य स्वामी जी ने दिया संदेश आईये ‘जल क्रान्ति को जन क्रान्ति बनाये! जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाये’।
On the occasion of World Wetlands Day, Pujya Swamiji said to take a pledge to protect Mother Ganga and the lakes, rivers, ponds and water bodies around us because “If there is water, there is...
‘‘हमारी पृथ्वी जैव-विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध ग्रह है।’’ सभी प्राणियों और प्रजातियों को पृथ्वी पर रहने का समान अधिकार प्राप्त है परन्तु वर्तमान समय में हमने अपने विकास के लिये दूसरे प्राणियों का जीवन मुश्किल में डाल दिया हैं वास्तव में पृथ्वी, पर्यावरण, हमारा जीवन और विकास सब एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं इसलिये जैव-विविधता का सरंक्षण जरूरी है, तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित रह सकता है। स्वस्थ जीवन और स्वस्थ ग्रह के लिए आर्द्रभूमि और जल स्रोतों का महत्वपूर्ण योगदान हैं। आईये आज वल्र्ड वेटलैंड दिवस के...
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर कहा कि भारत पर्यटन की नहीं बल्कि तीर्थाटन की भूमि है। उत्तराखंड में तो आध्यात्मिकता और नैसर्गिक सौन्दर्य, स्पिरिचुअल लैण्ड और स्विट्जरलैण्ड का अद्भुत संमग है। उत्तराखंड प्राकृतिक सौन्दर्य, योग, ध्यान, आध्यात्मिकता के साथ शान्ति प्रदान करने वाली भूमि है उत्तराखंड आईये तीर्थाटन की भावना से।
आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर संकल्प लें कि हम सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे और भारतीय संस्कृति की गरिमा को बनाये रखने हेतु योगदान प्रदान करेंगे।
On the...
भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर क्षेत्र अपनी विशिष्टता, विविधता और अद्भुत संस्कृति के लिये विख्यात है। भारत का रेगिस्तान हो या सदानीरा नदियाँ, हिमालय हो या फिर ग्लेशियर सभी मन को शान्ति देते है। भारत की नदियों और पर्वत श्रृंखला ने जनमानस को न केवल अपनी ओर आकर्षित किया है बल्कि संबल भी प्रदान किया है। माँ गंगा और हिमालय ने भारत को एक उत्कृष्टता प्रदान की है। हमारे पास अनेक मनमोहक सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता से युक्त ऐतिहासिक विरासतें हंै जिसे सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।
आईये...
Join us on the holy banks of Mother Ganga as Interfaith, Civic and Social Leaders from across India and around the world gather on the Holy Banks of Mother Ganga to celebrate International Human Solidarity Day by initiating the Mission LiFE programme to jumpstart national and global efforts to combat climate change and achieve sustainability through Solidarity – through Unity of purpose in support of a common goal.
परमार्थ निकेतन में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूनिसेफ, इन्डिया की संयुक्त साझेदारी में अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के अवसर पर सस्टेनेबिलिटी समिट...