We pray that we can use the power of our puja, our prayers and our meditation on this upcoming sacred night of Mahashivratri for divine intervention within ourselves so that the good might vanquish the evil; the nectar within us, rather than the poison, can emerge; and, that we may be carried from death to immortality....
ऋषिकेश, 13 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने आज भारत की कोकिला सरोजनी नायडू जी के जन्मदिवस पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अनेक भारतीय महिलाओं ने अपना योगदान प्रदान किया हैं। उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय समाज एक सशक्त समाज है और यही इसका अमूर्त पहलू भी है। भारत में महिला सशक्तिकरण भारतीय समाज एवं संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान निभाने वाली सरोजनी नायडू जी एक कवयित्री थी। अत्यंत मधुर स्वर में अपनी...
‘माघ पूर्णिमा’ कल्पवास की पूर्णता का पर्व है। संकल्प की संपूर्ति, आनंद और उत्साह का पर्व है। माघी पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु गंगाजी में निवास करते हैं इसलिये इस दिन गंगाजी में स्नान, ध्यान और गंगा जल के स्पर्शमात्र से आत्मिक आनन्द और आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति होती है।
आज के दिन नदियों में केवल एक डुबकी और एक आचमन नहीं बल्कि आत्ममंथन की डुबकी लगाये और अपने जीवन को अमृत कलश से भर लें।
’’जल चेतना जन चेतना बने’’, ‘‘जल क्रान्ति जन क्रान्ति बने’’ और ‘‘जन आन्दोलन जल आन्दोलन...
ऋषिकेश, 3 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वन संरक्षण सप्ताह के अवसर पर पौधा रोपण का संदेश देते हुये कहा कि वन है तो जीवन है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड, वन और जल संपदा से युक्त प्रदेश है। वनों को सबसे अधिक खतरा वनाग्नि से होता है। वनाग्नि, मानव, प्रकृति तथा वन्य जीव जंतुओं सभी के लिये खतरा है। जंगलों की आग के कारण न केवल जीवों का बल्कि मानव का जीवन भी प्रभावित होता है।
अप्रैल-मई में अक्सर देश के विभिन्न हिस्सों...
‘‘हमारी पृथ्वी जैव-विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध ग्रह है।’’ सभी प्राणियों और प्रजातियों को पृथ्वी पर रहने का समान अधिकार प्राप्त है परन्तु वर्तमान समय में हमने अपने विकास के लिये दूसरे प्राणियों का जीवन मुश्किल में डाल दिया हैं वास्तव में पृथ्वी, पर्यावरण, हमारा जीवन और विकास सब एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं इसलिये जैव-विविधता का सरंक्षण जरूरी है, तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित रह सकता है। स्वस्थ जीवन और स्वस्थ ग्रह के लिए आर्द्रभूमि और जल स्रोतों का महत्वपूर्ण योगदान हैं। आईये आज वल्र्ड वेटलैंड दिवस के...
On International Holocaust Remembrance Day, Pujya Swamiji passionately declares that "We are all Brothers and Sisters on this Earth. All people are equal. There are no small or big people, or superior or inferior people. When we can truly cultivate feelings of oneness in our heart, then and only then can we really begin working for lasting, unshakable harmony and peace in our families, in our communities and in the world."...
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर कहा कि भारत पर्यटन की नहीं बल्कि तीर्थाटन की भूमि है। उत्तराखंड में तो आध्यात्मिकता और नैसर्गिक सौन्दर्य, स्पिरिचुअल लैण्ड और स्विट्जरलैण्ड का अद्भुत संमग है। उत्तराखंड प्राकृतिक सौन्दर्य, योग, ध्यान, आध्यात्मिकता के साथ शान्ति प्रदान करने वाली भूमि है उत्तराखंड आईये तीर्थाटन की भावना से।
आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर संकल्प लें कि हम सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे और भारतीय संस्कृति की गरिमा को बनाये रखने हेतु योगदान प्रदान करेंगे।
On the...
75 वें आजादी के अमृत महोत्सव की अमृत बेला में भारत के संविधान को अपनाने की यादों को जीवंत करता है आज का पवित्र दिन। देशवासियों को गंणतंत्र दिवस की शुभकामनायें!
‘वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः’ ‘हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।’ राष्ट्रीय-गौरव, राष्ट्रीय-मर्यादा, राष्ट्रीय-समृद्धि, उत्कर्ष एवं हित समझकर उसकी प्राप्ति के लिये प्रयत्न करते रहना, राष्ट्र में जागृति लाने तथा इस राष्ट्र की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।
आईये संकल्प लें ‘‘भारत बनो’’ अर्थात उजाले की ओर बढ़ो; स्वंय प्रकाश बनों और दूसरों को भी प्रकाशित करो।
On the...
“शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीम्
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्याऽन्धकारापहाम् ।
हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
”‘‘बसंत’’ अर्थात ‘बस अंत’ प्रदूषण और सिंगल यूज प्लास्टिक का अंत यही हमारा सच्चा बसंत है। सभी के दिलों में सत्य, प्रेम और करूणा का संगम ही बंसत है। आज विद्या और विनम्रता की देवी सरस्वती जी का दिवस है, वह हम सभी को अज्ञान से मुक्त करे तथा हम सभी में विनम्रता का वास हो। ’’विद्या ददाति विनयम्।’’ ’’विद्या सा विमुक्तये’’।
On the auspicious occasion of Vasant Panchami, Pujya Swami ji shares that just as nature spreads its...
भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर क्षेत्र अपनी विशिष्टता, विविधता और अद्भुत संस्कृति के लिये विख्यात है। भारत का रेगिस्तान हो या सदानीरा नदियाँ, हिमालय हो या फिर ग्लेशियर सभी मन को शान्ति देते है। भारत की नदियों और पर्वत श्रृंखला ने जनमानस को न केवल अपनी ओर आकर्षित किया है बल्कि संबल भी प्रदान किया है। माँ गंगा और हिमालय ने भारत को एक उत्कृष्टता प्रदान की है। हमारे पास अनेक मनमोहक सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता से युक्त ऐतिहासिक विरासतें हंै जिसे सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।
आईये...