Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस सारी सीमाओं को लांघते हुए योग के सार्वभौमिक रूप के दर्शन करता है। योग हमारे ऋषियों की हजारों वर्षों तक की अथक तपस्या का परिणाम हैं। ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात सुख-दुःख; सम और विषम दोनों परिस्थितियों में समान रहने का सूत्र देता है। योग जब जीवन में उतरता है तो जीव तर जाता है। जब हम योग से जुड़ते हैं तो न केवल हम अपने शरीर, आत्मा और भावनाओं से जुड़ते हैं बल्कि हम विराट ब्रह्माण्ड और विराट सत्ता से जुड़ जाते हैं और फिर न...