Vasant Panchami Blessings
“शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीम् वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्याऽन्धकारापहाम् । हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्।। ”‘‘बसंत’’ अर्थात ‘बस अंत’ प्रदूषण और सिंगल यूज प्लास्टिक का अंत यही हमारा सच्चा बसंत है। सभी के दिलों में सत्य, प्रेम और करूणा का संगम ही बंसत है। आज विद्या और विनम्रता की देवी सरस्वती जी का दिवस है, वह हम सभी को अज्ञान से मुक्त करे तथा हम सभी में विनम्रता का वास हो। ’’विद्या ददाति विनयम्।’’ ’’विद्या सा विमुक्तये’’। On the auspicious occasion of Vasant Panchami, Pujya Swami ji shares that just as nature spreads its...