भगवान शंकराचार्य जी की जयंती पर शुभकामनाएं। अद्वैत वेदांत के प्रतिष्ठापक भगवान जगद्गुरू शंकराचार्य न केवल हिन्दू धर्म को समृद्ध किया बल्कि समाज के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनका जीवन शुद्धि, बुद्धि और सिद्धि का संगम है। । ज्ञान, भक्ती और कर्म की अद्भुत त्रिवेणी है आदिगुरु शंकराचार्य जी का जीवन। शंकराचार्य जी की जयंती पर उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लें और उनके संदेशों को अपनाकर जीवन में सफलता और शांति प्राप्त करें। On this auspicious occasion of Shankaracharya Jayanti, let us all take inspiration from...
In honour of World Book Day today, HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji - Muniji offered a beautiful message encouraging us all to read and connect with the sacred scriptures during the inauguration of the Shrimad Bhagwat Katha from Katha Vyas Govats Shri Radharishna's Shrimukh. परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में श्रीमद भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी के श्रीमुख से श्रीमद भागवत कथा का रस वर्षण पावन परमार्थ गंगा तट पर हो रहा है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर विशेष...
पूज्य स्वामी जी ने दिया संदेश ‘‘आज अद्भुत संयोग है क्योंकि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर विश्व पृथ्वी दिवस भी हैं। यह समय अपनी धरती माता से जुड़ने का है ताकि हम पर्यावरण की चुनौतियों यथा क्लाइमेंट चेंज, ग्लोबल वार्मिग, प्रदूषण को कम करने के साथ ही जैव विविधता को जानें, समझें और जियें। धरती है तो हम हैं, धरती ही हमारा खरा सोना हैं इसलिये हमे अपनी धरती माता के महत्व को समझना होगा। हमें अपनी प्रकृति और पृथ्वी के साथ सद्भाव और मानवतापूर्ण व्यवहार करना होगा और...
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस के अवसर पर पर्यावरण, प्रकृति और धरा के संरक्षण का संदेश देते हुये कहा कि अपनी रचनात्मकता और नवाचार को सतत विकास और इस दुनिया को बेहतर बनाने हेतु लगाये ताकि भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य का निर्माण किया जा सके। विश्व रचनात्मकता और नवाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नये विचारों, नये निर्णयों और रचनात्मक सोच के माध्यम से अपनी इस धरा, दुनिया और सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड को बेहतर बनाने और सतत विकास लक्ष्यों...
पूज्य स्वामी जी ने विश्व पृथ्वी दिवस पर दिया संदेश ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’, ’धरती हमारी माता है और हम सब उनकी संतानें हैं‘। आज का दिन अपनी धरती माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है क्योंकि धरती है तो हम हैं और हमारा अस्तित्व है, ‘धरती नहीं तो जीवन नहीं’ ’अर्थ है तो बर्थ है’ इसलिये आईये पृथ्वी के पैरोकार, प्रहरी और पहरेदार बनें। On this Earth Day, Pujya Swamiji beautifully reminds us that investing in our planet is important for a sustainable future. He shares that investing in our...
परमार्थ निकेतन में आयोजित भागवत कथा की आज पूर्णाहूति हुई परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कथा के दिव्य मंच से श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा एक ऐसा सम्पूर्ण दिव्य ग्रंथ है जिसके माध्यम से भगवान के अवतारों की विविध कथाओं द्वारा सरल और सहज रूप से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। कथा एक ऐसा मार्ग है जो हमें मोक्ष की ओर ले जाता है। इसके द्वारा हम अपने जीवन को आध्यात्मिक बना सकते...
पूज्य स्वामी जी ने किया आह्वान ‘‘आईये इस धरा को स्वच्छ, हरित, प्रदूषण मुक्त और निर्मल बनाने के लिये सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करें, पर्व, त्यौहार और आनन्द के अवसर पर पौधों का रोपण कर अपनी धरा को हरित बनाने का संकल्प लें।’’ Every evening Pujya Swamiji leads a beautiful pledge for a Clean, Green and Serene India in the #GangaAarti ceremony, encouraging the plantation of trees, end of single-use plastic, save water and protection of our sacred rivers. We invite you to listen in, and join us!...
The "Ganga Samagra" event was graced by the divine and esteemed presence of Hon'ble CM of Uttarakhand Shri Pushkar Singh Dhami, Ramashish, Ashish Gautam, Niranjan & Renu. It was organised by Parmarth Niketan with the blessings of Pujya Swamiji, uniting Ganga lovers with intent to keep Mother Ganga and her tributaries clean & green. परमार्थ निकेतन में गंगा समग्र का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, संघ के वरिष्ठ प्रचारक और गंगा समग्र के समन्वय राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री रामाशीष जी,...
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।। ग्रहों में प्रथम विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य, अमृतमय स्वरूप वाले चंद्रदेव, जगत् की वृष्टि का हरण करने वाले मंगल, महान द्युति से संपन्न, चन्द्रमा के पुत्र बुध, देवताओं के गुरू बृहस्पति, दैत्यों के गुरू महान् बुद्धि संपन्न शुक्र, भगवान् शिव के प्रिय प्रसन्नात्मा शनि देव, तमोमय राहु, और बिना शरीर वाले केतु समस्त लोकों की पीड़ा का निवारण करें । The gods Brahma, Murari and Tripurantkari (the one who destroyed the...